आज का युग कमाल है. आज तकनीकी जानकारी बहुत है , जितनी पुरानी पीढ़ी को भी नहीं हुआ करती थी उससे भी ज्यादा जानकारी आज की पीढ़ी को है. अब आप यह सोच रहे होंगे कि जब उस समय तकनीक इतनी शक्ति शाली नहीं हुआ करती थी , तो उस समय लोग उसके बारे में जानकारी कैसे रखा करते थे ? आज भले ही हमारे घर के छोटे बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर का बखूबी इस्तेमाल कर लेते हाँ और वो हम से भी ज्यादा एक्टिव हैं इन सब उपकरणों का प्रयोग करने में. परन्तु यह हम बात करने जा रहे हैं कंप्यूटर की . जी हां कंप्यूटर के बारे में एक ऐसी बात जो आपने पहले कभी शायद ही सोची होगी या शायद ही उसे जान्ने की कोशिश की होगी. हम कंप्यूटर की C ड्राइव की बात कर रहें हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि कंप्यूटर में C ड्राइव का नाम C ड्राइव ही क्यों होता है. इसका नाम A ड्राइव या फिर B ड्राइव क्यों नहीं होता.
कंप्यूटर में A व B ड्राइव क्यों नहीं होती
आज हम आपको बतात हैं कि दर असल इसके पीछे क्या कारण है. वैसे तो कंप्यूटर में D और F ड्राइव भी होती है. जब हम कंप्यूटर पर पेन ड्राइव या USB केबल लगते हैं तो D व A ड्राइव भी हमें कंप्यूटर में दिखने लगती है. अब सवाल यह उठता है कि हमें कंप्यूटर में C, D, A, ड्राइव देखने को मिल जाती है परन्तु A और B ड्राइव क्यों नहीं दिखती. इसके पीछे भी एक कारण है कि कंप्यूटर में A और B ड्राइव क्यों नहीं होती.
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दरअसल, शुरुआती दौर में कंप्यूटर जब आये ही थे, तब उनमें उतना स्पेस नहीं होता था जितना आज के कंप्यूटर में होता है. उस समय Floppy Disc ड्राइव हुआ करती थी, इन्हें A ड्राइव के नाम से जाना जाता था. फ्लॉपी डिस्क के 2 साइज़ होते थे. ये थे 5 ¼ और 3 ½. इन्हीं के लिए कंप्यूटर में A और B नाम से ड्राइव होती थीं. बाद में Hard Disc में और ज्यादा स्पेस न होने के कारण लोग अपने किए गए कार्य को फ्लॉपी में सहेज लेते थे.
1980 के दशक के बाद C ड्राइव नाम से Hard Drive पहचानी जाने लगी. इस Drive में Computer Operating System स्टोर किया जाता है. जिस प्रकार से स्मार्टफोन में एक जगह ऑपरेटिंग सिस्टम Android और ISO के लिए होती है. धीरे-धीरे Floppy का चलन समाप्त होने लगा तो A और B ड्राइव के नाम से केवल C ड्राइव ही रह गई.
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RTI act is called Right To Information act -2005. RTI act was passed by Indian Parliament on 15 June, 2005. This act was commenced on 12 October 2005.
First RTI Aplicacion
Pune police station was the receiver of first RTI application. This RTI aplication was filed by Mr. Sahid Raza Burney on 12 October, 2005. The act is applicable in whole of the India except Jammu and Kasmir.
There is not any pre-defined format to write an RTI application. RTI act 2005 does not tell about how to write RTI application. A person can write RTI application on a simple paper or can print that application. If you want to know how to write RTI application, we have mentioned the sample format. This format may help you write RTI application or to file RTI application.
उत्तर प्रदश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ को हाल ही में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है.इससे पहले ये उत्तर प्रदेश से सांसद रह चुके हैं. इनका लोकसभा का क्षेत्र गोरखपुर है. योगी आदित्यनाथ कौन है यह प्रश्न सभी के मन में है .सभी यह जानना चाहते हैं कि एक संत की तरह दिखने वाला साधारण व्यक्ति किस प्रकार से उत्तर प्रदेश जैस एक बड़े राज्य में प्रसिद्ध हो चुका है . इन सब प्रश्नों का उत्तर जान्ने से पहले आपको योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय पता होना चाहिए.
हमारे देश भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली परभुगतान व निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 PSS अधिनियम - के द्वारा किया जाता
है। यह दिसंबर 2007 में संसद में पारित
हुआ। देश के ऊपरीमौद्रिक संस्थान के
नाते भारतीय रिजर्व बैंक का कर्तव्य हैकि देश के भुगतान या पेमेंटप्रणाली में तकनीकी उन्नतिहो। बैंक का यह दायित्व है किभुगतान के लिए अधिकतम लोग अपनी भूमिका निभाए। भारत में हर प्रकार कीभुगतान प्रणालियां इसी रिजर्व बैंक के दिशा निर्देश में
कार्य करती हैं।
भारत में वर्तमान में अनेक भुगतान प्रणालियाँ प्रचलन में हैं
जैसे कि :-
1.राष्ट्रीय
इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण या National
Electronic Funds Transfer -NEFT
2.तत्काल सकल निपटान
या Real Time Gross Settlement- 'RTGS'
3.तत्काल भुगतान सेवा
या Immediate Payment Service-IMPS
आप सभी ने DA - Dearness Allowance के बारे में जरूर सुना होगा। क्या आपको इसके बारे में जानकारी है के यह Dearness Allowance होता क्या है। Dearness Allowance को हिंदी में महंगाई भत्ते के नाम से जाना जाता है। इसे अंग्रेजी के संक्षिप्त रूप में DA भी कहा जाता है। सबसे पहले यह भत्ता द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दिया गया था। उस समय इस भत्ते को Dear Food Allowance का नाम दिया गया था। यह भत्ता केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उनके कर्मचारियों को दिया जाता है। इसी के साथ साथ यह भत्ता सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों तथा पेंशन भोगियों को भी दिया जाता है। यह भत्ता पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा भारत में दिया जाता है। यह भत्ता जीवन निर्वहन की लागत अर्थात cost of living के बढ़ते भार के साथ सामंजस्य बनाने के लिए सरकार द्वारा दिया जाता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि महंगाई भत्ता, बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए दिया जाता है।
Today if you are reading this article it is because of a teacher. We will describe here some of the important qualities of a good teacher. A teacher teaches a child and make him able to understand and express various thoughts. A good teacher is a teacher who has a long lasting impact on the lives of students. A good teacher always inspires his students towards success and greatness. To be a successful and great teacher a person must have these most important qualities. Here we discuss those important qualities that a good teacher should possess. By following this a person can become a good teacher. These qualities are as follows:-
Know scholarship status online,without going to Bank
अब आप बिना बैंक जाए छात्रों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप - Scholarship Status की जानकारी अपने मोबाइल पर या कंप्यूटर पर भी प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी छात्र सरकार द्वारा दिए जाने वाली स्कॉलरशिप इत्यादि की जानकारी ऑनलाइन PFMS Portal पर प्राप्त कर सकता है। भारत सरकार के द्वारा छात्रों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के अंतर्गत स्कॉलरशिप दिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने यह स्कीम देश के विभिन्न जिलों में 1 जनवरी 2013 से शुरू की। इसके लिए आपको पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम
की आधिकारिक साइट या PFMS Portal पर जाना होगा। इसका लिंक ऊपर दिया गया है। इस लिंक पर क्लिक करके आप भी
Public Financial Management System (PFMS)की आधिकारिक साइट पर जा सकते हैं। आप वहां पर अधिक विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह केंद्र सरकार का उपक्रम है। इस साइट पर जाने के बाद आप KnowYour payment क्लिक करके आप किसी भी व्यक्ति या छात्र का आधार नंबर डाल कर उसको सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ - Scholarship Status की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आपको दिए गए कोड की वेरिफिकेशन भी इसी में ही करनी होगी। इसके अलावा इस साइट पर आप और भी कई प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
यह योजना देश के विभिन्न राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा चुकी है। इनमें असम, बिहार, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पांडिचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हिमाचल, हरियाणा, मणिपुर, मेघालय, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, वेस्ट बंगाल, दिल्ली, जम्मू एंड कश्मीर, कर्नाटक, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, आदि शामिल हैं।
यह विज्ञापन हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड HSTSB के द्वारा जारी किया गया। इसमें दो कैडर में भर्ती की जानी थी। एक कैडर मेवात जिले का था। दूसरा हरियाणा के सभी जिलों के लिए। कुल मिलाकर दोनों ही कैडर में 9870 JBT अध्यापकों की Education Department Haryana में भर्ती की जानी थी। परन्तु अभी तक यह बेरोजगार अध्यापक JOINING नहीं प्राप्त कर पाए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री सरकार बनने के बाद 1 लाख नौकरियां दी जा चुकी हैं का वायदा करते हैं।
इन जेबीटी का 9300 - 34800 के साथ 4200 ग्रेड पर तय किया गया। परंतु आज विज्ञापन जारी होने के करीब करीब 5 वर्ष तक भी इस भर्ती के उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।
JBT Teacher Education Department Haryana भर्ती के सिरे न चढ़ पाने के कारण -
इनमें सबसे पहले पंचकूला के रहने वाले विजय बंसल द्वारा डाली गई जनहित याचिका । इसमें हरियाणा स्कूल टीचर सिलेक्शन बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती दी गई। करीब 1 साल तक चले इस केस में विजय बंसल की हार हुई । पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल टीचर सिलेक्शन बोर्ड को संवैधानिक करार दिया । इसके साथ विजय बंसल पर जुर्माना लगाया।
नवचयनित जेबीटी जोकि उस टाइम चयनित नहीं थे, बेहद खुश हुए । अब उनकी Education Department Haryana में जल्दी ही एंट्री हो जाएगी। तत्कालीन हरियाणा सरकार ने एक अभूतपूर्व कदम उठाया। हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड HSTSB का गठन किया। हरियाणा में उस टाइम हुड्डा सरकार थी। उन्होंने सोचा कि अगर अध्यापकों की भर्ती के लिए अलग से बोर्ड बना दिया जाए तो नियुक्ति जल्दी हो सकेगी।
हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड के द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स की भर्ती भी निकाली गई थी। जिन्होंने लगभग भर्ती निकलने के 1 वर्ष के भीतर भीतर ही नियुक्ति पा ली थी। याचिका को कोर्ट ने खारिज किया, सरकार ने तुरंत पीजीटी को Education Department Haryana में नियुक्ति दे दी।
इसके बाद भी हरियाणा में चल रही प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती अधर में लटकी रही। जिन भी अभ्यर्थियों ने इस भर्ती में अप्लाई किया हुआ था उन्होंने तत्कालीन हुड्डा सरकार से मिलकर मांग की कि वह जल्द ही इस भर्ती का परिणाम घोषित करें। Directorate Of secondary Education Haryana, Education Department Haryana के सामने लगातार कई धरने-प्रदर्शनों के बाद पात्र अध्यापक संघ हरियाणा के बैनर तले या पात्र अध्यापक संघ की मेहनत के परिणाम स्वरुप हुड्डा सरकार ने जेबीटी की भर्ती का परिणाम जारी किया। जैसे ही जेबीटी भर्ती का परिणाम जारी हुआ तो चयनित अभ्यर्थियों में खुशी का माहौल था।
Reason for Delay in PRT Teacher Education Department Haryana
हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड ने जेबीटी अध्यापकों (Education Department Haryana)की चयन प्रक्रिया में एक गंभीर गलती कर दी। यहीं से इस भर्ती के लिए कठिनाई पैदा हुई। दरअसल हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड ने यह तय किया था कि जिन अभ्यर्थियों ने मास्टर डिग्री या m.a. की हुई है उन्हें अकादमिक अंकों में दो नंबर अतिरिक्त दिए जाएंगे। परंतु जैसे ही प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का परिणाम सामने आया और मेरिट लिस्ट सामने आई तब उन अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट देख कर हैरानी हुई जिन्होंने m.a. तो की हुई थी परंतु उन्हें अकादमिक में m.a. के दो नंबर नहीं दिए गए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन अभ्यर्थियों ने हरियाणा स्कूल टीचर सलेक्शन बोर्ड को उसकी गलती से अवगत करवाया
पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद बोर्ड ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के परिणाम में सुधार किया। उन्होंने अभ्यर्थी के साक्षात्कार में दिए गए कुल अंकों में से 2 अंक कम किए व उन अभ्यर्थियों को 2 अंक दे दिए जिन्होंने m.a. की हुई थी। इस प्रकार परिणाम में सुधार करने के बाद भी चयनित अभ्यर्थियों की लिस्ट में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। जो लोग पहले चयनित थे वह परिणाम में सुधार होने के बाद भी चयनित रहे। इसी बात को गलत मानते हुए कुछ अभ्यर्थियों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर दी जोकि कोर्ट में आज तक लंबित है।
पहले यह मामला हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में था वहां पर कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए भर्ती को सही कहा, परंतु लगभग दो-तीन महीने बीत जाने तक भी Education Department Haryana में इनकी भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की। इसी दौरान यह केस आगे हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच में चला गया और यह आज भी लंबित है। इस भर्ती पर कोई एक केस नहीं बल्कि कई तरह के केस हैं जिनमें
List of court cases on JBT 9870 joining Education Department Haryana
महा सिंह भूरानिया द्वारा दायर की गई जनहित याचिका
उन अभ्यर्थियों द्वारा दायर की गई जनहित याचिका जिन्होंने वर्ष 2013 में एचटेट पास किया
उन अभ्यर्थियों की जनहित याचिका जिन्हें m.a. के दो अंक नहीं दिए गए शामिल है।
एक याचिका जो विजय बंसल द्वारा शुरू में ही लगाई गई थी जिसके तहत सिलेक्शन बोर्ड को असंवैधानिक कहा गया था। इस याचिका के जवाब में हरियाणा सरकार की जीत हुई।
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह भर्ती उस समय की हुड्डा सरकार की देन है। हुड्डा सरकार ने इसका परिणाम जारी किया उसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए तथा चुनावों के बाद हरियाणा में bjp पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई। Education Department Haryana में ये चयनित जेबीटी मुफ्त में पढ़ने के बारे में भी कह चुके हैं । सरकार बनने के बाद से लेकर ही नव चयनित जेबीटी मानसिक रुप से परेशान हो गए है। रोज-रोज सरकार की तरफ से भर्ती की समीक्षा किए जाने के बयान जारी किए जाते हैं। हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा जी के द्वारा भर्ती में अंगूठा लगाने में गड़बड़ी के बारे में बात करने आदि बहुत सी ऐसी बातें थी जिसके द्वारा नवचयनित जेबीटी को यह लगने लगा कि हरियाणा सरकार उनकी भर्ती को सिरे नहीं चढाएगी।
इसके बाद फिर से हरियाणा के नव चयनित जेबीटी पात्र अध्यापक संघ हरियाणा के बैनर तले इकट्ठे होने लगे। उन्होंने करनाल में एक अभूतपूर्व रैली की जिसके पश्चात हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नव चयनित जेबीटी को भरोसा दिया कि वह 77 दिनों में नवचयनित जेबीटी को ज्वाइन करवा देंगे। परंतु उन 77 दिनों में भी नव चयनित जेबीटी को ज्वाइन नहीं करवाया गया।
Patra Adhyapak Sangh, Haryana PAS
इस भर्ती को निकलवाने के पीछे पात्र अध्यापक संघ ने Rajender Sharma Vats के नेतृत्व में अनेक प्रयास किए। यह भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कारण ही निकली है जिसमें हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह शपथ पत्र दिया था कि वह लगभग 322 दिन में Education Department Haryana में स्थाई अध्यापक भर्ती कर देंगे। अब यह 322 दिन तो कब के बीत चुके हैं। लगभग इससे 3-4 गुणा समय निकल चुका है। 4 - 5 साल हो चुके हैं इस बात को परंतु अभी तक यह भर्ती पूरी नहीं हो पाई है।
मुख्यमंत्री जी का वायदा भी अभी अधूरा का अधूरा ही रह गया है। 77 दिन की बात करने वाले मुख्यमंत्री का वायदा आज लगभग 2 साल पूरे करने जा रहा है परंतु नव चयनित जेबीटी को अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। वहीं दूसरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री प्रदेश में सरकार बनने के बाद लगभग 1 लाख रोजगार देने की बात करतें हैं। नव चयनित जेबीटी - PAS ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव - OSD Jawahar Yadav को अपने विश्वास में लिया व जवाहर यादव ने भी नव चयनित जेबीटी को यह भरोसा दिया कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं करेगी और उनकी जल्द ही नियुक्ति करेगी। परंतु फिर भी कहीं ना कहीं सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं।
नव चयनित जेबीटी के मन में बहुत से प्रश्न उठते हैं जो लगातार उनकी परेशानी को बढ़ाते हैं जैसे कि:-
क्या बीजेपी सरकार हुड्डा सरकार द्वारा निकाली गई भर्ती को पूरा करेगी ?
हरियाणा सरकार ने कोर्ट की सिंगल बेंच के द्वारा भर्ती से स्टे हटाने के बाद भी जल्द से जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति देने का काम क्यों नहीं किया ?
महा सिंह बुडानिया के केस में चल रहे अंगूठों की जांच का कार्य कछुआ गति से क्यों चल रहा है ?
क्यों नहीं हरियाणा सरकार ने इनकी जांच का कार्य जल्द ही पूरा करवाया ?
हरियाणा सरकार ने कोर्ट में जल्दी हियरिंग की याचिका क्यों नहीं दायर की ?
और एक प्रशन नव चयनित जेबीटी के मन में यह भी उठता है कि हर बार अदालत में उनके केस का नंबर अंत में ही क्यों आता है ?
क्या इसके ऊपर भी प्रशन उठाया जा सकता है ?
क्या कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया जा सकता है ? सैद्धांतिक तौर पर हम कोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल नहीं उठा सकते कोर्ट अपने नियमों के अनुसार कार्य करता है। परंतु इससे नवचयनित जेबीटी का दुर्भाग्य ही कहें कि हर बार उनका केस दिन के अंत में ही सुना जाता और सुनवाई पूरी हुए बिना इस केस को अगली डेट दे दी जाती है। इस बार भी यह केस 20 अप्रैल को सुना जाना है। नव चयनित जेबीटी उम्मीद कर रहें है कि क्या पता उनका भाग्य उदय हो जाए।
इस भर्ती की अदालत में दर्जनों बार सुनवाई हो चुकी है परंतु नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है। यह बेरोजगार अभी तक मानसिक रूप से परेशानी में है कि कब उन्हें नियुक्ति मिलेगी। एक प्रश्न यह भी सभी के मन में उठता है कि
क्या हरियाणा के सरकारी स्कूल में इतनी खाली पोस्ट हैं ? जिन पर जेबीटी को नियुक्ति दी जा सकती है?
क्या हरियाणा में कार्यरत गेस्ट टीचर्स को हटाए बिना jbt को नियुक्ति दी जा सकती है ?
क्या हरियाणा सरकार गेस्ट टीचर्स को हटा सकती है ?
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिए हुए हैं कि जैसे ही हरियाणा में रेगुलर अध्यापकों की भर्ती पूरी हो जाती है तो गेस्ट टीचर को हटा दिया जाए। जैसे ही इन जेबीटी अध्यापकों की भर्ती की बात सामने आती है तो दूसरी तरफ गेस्ट टीचर्स के हटने का प्रश्न भी मन में उठता है। हालांकि होगा क्या यह सरकार जानती है या कानून के जानकार जानते हैं। परंतु यह कुछ एक संभावित परेशान है जो कि हर किसी जेबीटी के मन में उठता है।
हरियाणा के सरकारी स्कूल में अध्यापकों की बहुत आवश्यकता है। वहीं दूसरी ओर नवचयनित जेबीटी ऊर्जा व नवीन ज्ञान से भरे हुए हैं कि यदि हरियाणा के स्कूलों में नियुक्ति पाते हैं तो हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में निःसंदेह अच्छा कर सकेगा इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि पुराने टीचर भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी योग्यता के अनुसार कार्य कर रहे हैं, परंतु इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की नई पीढ़ी हमेशा से ही पुरानी पीढ़ी से चार कदम आगे होती है।
यह उम्मीद की जा सकती है कि यदि इन अध्यापकों को जॉइनिंग दे दी जाती है तो जहां सरकारी स्कूलों को नए शिक्षक मिलेंगे, वहीं दूसरी और शिक्षा के क्षेत्र में नई पीढ़ी का योगदान प्राप्त कर हरियाणा शिक्षा के क्षेत्र में अपना सुधार कर सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हरियाणा की bjp सरकार तुरंत हाईकोर्ट में नव चयनित जेबीटी के मामले को सुलझाने के लिए अर्ली हियरिंग की याचिका दायर करे। सरकारी वकीलों के द्वारा इस भर्ती का पक्ष मजबूती से रखा रखा जाए और जल्द ही इस केस का निपटारा करके हरियाणा के राजकीय स्कूलों में नए अध्यापक ज्वाइन करवाए जाएं और शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा को आगे और सफलता मिल सके।