उत्तर प्रदश के वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ को हाल ही में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है.इससे पहले ये उत्तर प्रदेश से सांसद रह चुके हैं. इनका लोकसभा का क्षेत्र गोरखपुर है. योगी आदित्यनाथ कौन है यह प्रश्न सभी के मन में है .सभी यह जानना चाहते हैं कि एक संत की तरह दिखने वाला साधारण व्यक्ति किस प्रकार से उत्तर प्रदेश जैस एक बड़े राज्य में प्रसिद्ध हो चुका है . इन सब प्रश्नों का उत्तर जान्ने से पहले आपको योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय पता होना चाहिए.
योगी आदित्यनाथ की पहचान एक उग्र हिंदुत्व चेहरे के रूप में मानी जाती है . योगी गोरखपुर में हिंदी मन्दिर गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी या महंत हैं. योगी आदित्य नाथ का जन्म गढ़वाली राजपूत घराने में 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौरी गढ़वाल जिले के पान्चुर नामक गाँव में हुआ. इनका जन्म का नाम अजय सिंह बिष्ट Ajay singh Bisht था. आनद सिंह बिष्ट इनके पिता का नाम था. दीक्षा अभिषेक फरवरी 1994 में नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ गोरक्षा मन्दिर गोरखपुर के महंत अवेद्यनाथ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में किया था. योगी "हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं. हिन्दू युवा वाहिनी एक युवा सन्गठन है जो हिंदुत्व के लिए जाना जाता है. इन्होने अपनी 22 वर्ष की आयु में सांसारिक जीवन त्याग दिया था .बाद में इन्होने सन्यास धारण किया व इन्होने विज्ञानं संकाय से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की हुई है.
योगी आदित्यनाथ को करीब से जानने वाले बताते हैं कि योगी पूर्वांचल के एक बड़े नेता होने के साथ साथ धर्म गुरु भी हैं. योगीआदित्यनाथ हिन्दू धर्म व हिन्दू संस्कृति के रक्षक के रूप में जाने जाते हैं. वे स्थानीय व समाजिक समस्याओं के सुधारक के तौर पर भी जाने जाते हैं. पूर्वांचल के क्षेत्र में योगी ने ज्न्सधार्ण की समस्याओं जैसे सडक, बिजली, पानी, खेती ,आवास, पढाई और स्वस्तय सेवाओं को संसद तक उठाते रहें हैं.
गोरक्षनाथ पीठ की परम्परा है कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान चलाये. इसी परम्परा का अनुसरण करते हुए योगी ने भी व्यापक स्तर पर उत्तर प्रेद में जनजागरण अभियान चलाया. इन्होने छुआछूत का अंत करने के लिए खुद विभिन्न जातियों के साथ सहभोज किया. यही कारण है कि योगी के साथ बड़ी संख्या में दलित वर्ग भी जुड़ा हुआ है. उन्होंने गाँव गाँव में जाकर एक साथ बैठ कर एक साथ भोजन करने का मन्त्र लोगों को दिया.
योगी आदित्यनाथ ने बहुत सी किताबें भी लिखी हैं. इनमें "यौगिक षट्कर्म", हठयोग: स्वरूप एवं साधना", राजयोग: स्वरूप एवं साधना", "हिन्दू राष्ट्र नेपाल" आदि पुस्तकें लिखी हैं.
योगी आदित्यनाथ |
योगी आदित्यनाथ का परिचय
योगी आदित्यनाथ की पहचान एक उग्र हिंदुत्व चेहरे के रूप में मानी जाती है . योगी गोरखपुर में हिंदी मन्दिर गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी या महंत हैं. योगी आदित्य नाथ का जन्म गढ़वाली राजपूत घराने में 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौरी गढ़वाल जिले के पान्चुर नामक गाँव में हुआ. इनका जन्म का नाम अजय सिंह बिष्ट Ajay singh Bisht था. आनद सिंह बिष्ट इनके पिता का नाम था. दीक्षा अभिषेक फरवरी 1994 में नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ गोरक्षा मन्दिर गोरखपुर के महंत अवेद्यनाथ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में किया था. योगी "हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक हैं. हिन्दू युवा वाहिनी एक युवा सन्गठन है जो हिंदुत्व के लिए जाना जाता है. इन्होने अपनी 22 वर्ष की आयु में सांसारिक जीवन त्याग दिया था .बाद में इन्होने सन्यास धारण किया व इन्होने विज्ञानं संकाय से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की हुई है.
योगी आदित्यनाथ को करीब से जानने वाले बताते हैं कि योगी पूर्वांचल के एक बड़े नेता होने के साथ साथ धर्म गुरु भी हैं. योगीआदित्यनाथ हिन्दू धर्म व हिन्दू संस्कृति के रक्षक के रूप में जाने जाते हैं. वे स्थानीय व समाजिक समस्याओं के सुधारक के तौर पर भी जाने जाते हैं. पूर्वांचल के क्षेत्र में योगी ने ज्न्सधार्ण की समस्याओं जैसे सडक, बिजली, पानी, खेती ,आवास, पढाई और स्वस्तय सेवाओं को संसद तक उठाते रहें हैं.
छुआछूत पर हमला
गोरक्षनाथ पीठ की परम्परा है कि वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर जनजागरण अभियान चलाये. इसी परम्परा का अनुसरण करते हुए योगी ने भी व्यापक स्तर पर उत्तर प्रेद में जनजागरण अभियान चलाया. इन्होने छुआछूत का अंत करने के लिए खुद विभिन्न जातियों के साथ सहभोज किया. यही कारण है कि योगी के साथ बड़ी संख्या में दलित वर्ग भी जुड़ा हुआ है. उन्होंने गाँव गाँव में जाकर एक साथ बैठ कर एक साथ भोजन करने का मन्त्र लोगों को दिया.
पांच बार सांसद रहे हैं
1998 में योगी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा. मात्र 26 वर्ष की आयु में योगी सासंद बने. वे भारतीय संसद के एक युवा संसद रहे हैं. हमेशा ही वे जनता के बीच रहे व जनता के बीच उनकी उपस्थिति अन्य सांसदों से अधिक रही है. इन्ही कारणों से गोरखपुर संसदीय क्षेत्र की जनता ने उन्हें 1999, 2004, 2009, 2014 के लोकसभा चुनावों में जीत दिलवाई.योगी आदित्यनाथ द्वारा लिखी किताबें
योगी आदित्यनाथ ने बहुत सी किताबें भी लिखी हैं. इनमें "यौगिक षट्कर्म", हठयोग: स्वरूप एवं साधना", राजयोग: स्वरूप एवं साधना", "हिन्दू राष्ट्र नेपाल" आदि पुस्तकें लिखी हैं.
गोरखपुर की छवि बदलने की कोशिश
सन 1980 के आस पास गोरखपुर अपराधियों की शरणगृह बनता जा रहा था. उस समय आम जनता व व्यपारियों के एक साथ खड़े होने के कारण अपराधियों के मनोबल टूटे. योगी जी के नेत्रत्व में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा 30 से अधिक शिक्ष्ण संस्थाए गोरखपुर में चल रही हैं. यहा पर कुष्ठ रोगियों तथा वन्तान्गियों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा दो जा रही है. इसी के साथ साथ उन्हें बी एड तथा पॉलिटेक्निक जैसे रोजगार परक कोर्स भी निशुल्क करवाए जा रहें हैं. यहाँ पर गुरु गौरक्षनाथ चिकित्सालय स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं को उपलब्ध करवा रहा है.योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान
योगी कई बार ऐसे बयान दे देते हैं जो उन्हें विवादों के घेरे में लाकर खड़ा कर देता है. इन बयानों में से कुछ बयान नीचे दिए गये हैं जिनसे विवादों को पनपने में सहारा मिला:-
जून 2016 में योगी ने बयान दिया -
"जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने से कोई नहं रोक सका तो मन्दिर बनाने से कौन रोकेगा"
अक्टूबर 2016 -
" मूर्ती विसर्जन से हिने वाला प्रदूष्ण दिखता है पर बकरीद के दिन हजारो पशु काटे गये काशी में उनका खून सीधे गंगा जी में बहा क्या वो प्रदूष्ण नहीं था ?"
अक्तूबर 2015 -
"यूपी कैबिनेट के मंत्री आजम खान ने जिस यु एन जाने की बात कही, उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए, आज ही मैंने पढ़ा की अख़लाक़ पकिस्तान गया था और उसके बाद से उसकी गतिविधियाँ बदल गयी थीं, क्या सरकार ने ये जानने की भी कोशिश की कि ये व्यक्ति पाकिस्तान क्यों गया था ? आज उसे महिमामंडित किया जा रहा है.
जून 2015 -
"जो लोग योग का विरोध कर रहें है, उन्हें भारत छोड़ देना चाहिए, जो लोग सूर्य नमस्कार को नहीं मानते उन्हें समुन्द्र में डूब जाना चाहिए."