हरियाणा की हुड्डा सरकार के द्वारा वर्ष 2012 में JBT (Full form Junior Basic Teacher) के 9870 पद विज्ञापित किए गए। इन पदों पर JBT joining होने के आसार बनते
जा रहे हैं। इस मामले की सुनवाई 15 फरवरी 2017 को होना तय है।
इससे पहले इस केस
की सुनवाई पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच में 2 दिसम्बर को हुई थी. उस समय कोर्ट में इस केस में
कोई बहस न होकर ढाई महीने बाद की नई डेट 15 फरवरी 2017 की लगा दी गयी थी. इस मामले
में चयनित जेबीटी के दो धड़े अपने अपने स्तर पर प्रयास कर रहें हैं. इन दोनों धड़ों
पात्र अध्यापक संघ हरियाणा व चयनित जेबीटी संघर्ष समिति, ने अपने विशेष प्रयास
किये हैं तांकि 12731 जेबीटी की भर्ती जल्दी से जल्दी करवाई जा सके. इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ते हुए चयनित जेबीटीसंघर्ष समिति ने (CJSS)दिसम्बर में विभिन्न वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सलाह मशविरा
किया. समिति ने अपने पूर्ण प्रयासों के बाद यह तय किया कि यदि सरकार दिसम्बर में
जेबीटी भर्ती से स्टे हटवाने के लिए कोर्ट में ढाई महीने बाद की दी गयी डेट को
अर्ली हियरिंग की एप्लीकेशन के द्वारा जल्द सुनवाई नहीं करवाती तो समिति सुप्रीम
कोर्ट के आदेश के अनुरूप मॉडिफिकेशन की एक उपयुक्त एप्लीकेशन कोर्ट में दायर
करेगी. इस एप्लीकेशन की सुनवाई के लिए हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने 23 दिसम्बर को
बैठना था परन्तु इस तिथि को जज महेश ग्रोवर के अनुपस्थित होने के कारण सुनवाई न हो
पाई. 9 जनवरी 2017 को हाई कोर्ट के फिर से खुलने पर इस एप्लीकेशन पर 13 जनवरी को सुनवाई
हुई. उसके बाद 24 जनवरी को फिर से इस एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान
बेंच ने “स्टे आर्डर मॉडिफिकेशन” के नियमों के तहत सभी प्रतिवादी पक्षों से जवाब
माँगा. बेंच ने जेबीटी भर्ती के कुल पदों की संख्या, याचिका कर्ताओं की संख्या इत्यादि के बारे में
विस्तार से जानकारी ली. इसके बाद जज ने इस एप्लीकेशन की सुनवाई 15 फरवरी के लिए
स्थगित कर दी. इस स्टे आर्डर मॉडिफिकेशन के सम्बन्ध में जो सकारात्मक बातें सुनवाई
के दौरान हुई उससे चयनित जेबीटी संघर्ष समिति CJSS के मुख्य पवन चमारखेड़ा ने उम्मीद जताई
की आने वी 15 फरवरी को जेबीटी भर्ती पर सालों से चले आ रहे स्टे को मॉडिफाई या कैंसिल
किया जा सकता है ।